सतभक्ति से लाभ
एक दिन समाचार पत्रा में पढ़ा कि बालोतरा के माली समाज के दो लड़के विवाह के बाद रामदेवरा जात ( बाबा रामदेव के मन्दिर )
कार में जा रहे थे । उनके साथ दोनों की पत्नीयां भी उसी बोलेरो केम्पर में सवार थे और भी 10-12 लोग साथ में थे । डी.जे. बजाकर नाच रहे थे। उधमस उतार रखा था। बालेसर के पास बोलेरो केम्पर बड़े ट्राले से टकराई। सर्व गाड़ी में दोनों दुल्हे और दुल्हनों सहित 11 लोग मारे गए। अब नाच लो डी.जे. बजाकर। परमात्मा
की भक्ति करने से ऐसे संकट टल जाते हैं। इसलिए संत रामपाल दास महाराज के अनुयाईयों को सख्त आदेश है कि परमात्मा से डरकर कार्य करो। सामान्य विधि
से विवाह करो। इस गंदे लोक (काल के लोक) में एक पल का विश्वास नहीं कि कब बिजली गिर जाए।
ना जाने काल की कर डारे, किस विधि ढ़ल जा पासा वे।
जिन्हाते सिर ते मौत खड़गदी, उणानु केड़ा हांसा वे ।।
भावार्थ :- संत नानक जी ने कहा कि हे भाई! इस मृत्युलोक में सब नाशवान हैं। पता नहीं किसकी जाने की बारी कब आ जाए इसलिए जिनके सिर पर मौत
गर्ज रही हो, उस व्यक्ति को नाचना-गाना, हँसी-मजाक कैसे अच्छा लगेगा? मूर्ख या नशे वाला व्यक्ति इस गंदे लोक में खुशी मनाता है। जैसे एक व्यक्ति की पत्नी को विवाह के दस वर्ष पश्चात् पुत्रा हुआ। उसके उत्पन्न होने की खुशी में लड्डू बनाए, बैंड-बाजे बजाए, उधमस उतार दिया। अगले वर्ष जन्म दिन को ही मृत्यु हो गई। कहाँ तो जन्मदिन की खुशी की तैयारी थी, कहाँ रोआ-पीटी शुरू हो गई। घर नरक बन गया। अब मना लो खुशी।
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