पर्यावरण से नुकसान और उससे छुटकारा

सबसे ज्यादा प्रदूषण फैलाने के लिए मानव शरीर को ऑक्सीजन की आवश्यकता है। उसके स्थान पर तम्बाकू का धुँआ प्रवेश करता है तो उनको खाँसी रोग हो जाता है। पित्त तथा बाई (बाय) का रोग हो जाता है। हुक्का पीने वाले एक-दो तो हुक्के के निकट बैठेंगे। एक कुछ दूरी पर बैठेगा और कहेगा कि सरकाइये थोड़ा-सा। दूसरे उसकी ओर हुक्का देंगे। फिर नली जिससे धुँआ खींचते हैं गुरड़-गुरड़ बाजैगी। आप तो हुक्का पीकर डूबे हैं और छोटे बच्चे स्त्री पुरुष जो हुक्का नहीं पिते है उनके लिए वह हुक्के से निकल रही कार्बनडाईअॉक्साइड कैसा प्रदुषण फैलाएगी ।आज के समय में बीड़ी, सिगरेट कारखाने और ट्रकों के धुए से कितना प्रदूषण हो रहा है । मानव समाज में हाय हाय कि आग लगी पड़ी है किसी को भी शांति नहीं है क्योंकि सारी दुनिया में अज्ञान ही अज्ञान फैला हुआ है और ज्ञान के बिना शांति नहीं हो सकती । सच्चा ज्ञान प्राप्त करने के लिए संत रामपाल जी महाराज की शरण में आए और इस संसार की हाय हाय से बचें और मोक्ष को प्राप्त करें ।

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