नशा मुक्ति

नशा चाहे शराब, सुल्फा, अफीम, हिरोईन आदि-आदि किसी का भी करते हो, यह आपका सर्वनाश का कारण बनेगा।
इस का किसी भी शास्त्र में उल्लेख नहीं कि नशा करें।
यह मानव समाज को बर्बाद कर रहा है।
संत गरीबदास जी अपनी वाणी में कहते है-
सुरापान मद्य मांसाहारी, गवन करे भोगे पर नारी।
सत्तर जन्म कटत हैं शीशम, साक्षी साहिब हैं जगदीशम।।
सुरापान व मांस आदि खाने का अंजाम जब इतना बुरा है तो इससे त्यागने में ही भलाई है।

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