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Ramjan

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कबीर साहेब ही अल्लाह हैं । पवित्र कुरान शरीफ फुरकान 25 आए तो 59 हजरत मोहम्मद को कुरान शरीफ बोलने वाला अल्लाह कह रहा है कि वह अल्लाह कबीर वही है जिसनेजमीन तथा आसमान के बीच में जो भी विद्यमान है सर्वश्रेष्ठी की रचना 6 दिन में करके सातवें दिन तख्त पर (सतलोक) में जा विराजा । कुछ पूर्ण परमात्मा की अर्थात अल्लाह की प्राप्ति कैसे होगी ? उसका वास्तविक ज्ञान तो किसी इलम वाले अर्थात तत्वदर्शी संत यानी बाखबर से पूछो । कुरान शरीफ का ज्ञान दाता कहता है कि उसे मैं नहीं जानता। उपरोक्त दोनों पवित्र धर्म ईसाई तथा मुसलमान के पवित्र शास्त्रों ने भी मिलजुल कर प्रमाणित कर दिया कि सर्व सृष्टि रचनहार, सर्व पाप विनाशक, सर्वशक्तिमान, अविनाशी परमात्मा मानव सदृश्य शरीर में आकार में है तथा सतलोक में रहता है उसका नाम कबीर है उसी को अल्लाहु अकबर भी कहते हैं।          अधिक जानकारी के लिए पढ़ने पुस्तक ''ज्ञान गंगा'' यह पुस्तक निशुल्क मंगवाने के लिए अपना नाम पूरा पता और मोबाइल नंबर लिखकर इन नंबरों पर व्हाट्सएप करें :- 7496 8018 23

HolyScriptures

Holy vedas. Holy Qrann. Holy Bible. Holy Geeta. Holy Gurugrant Saheb

गुरु को भगवान क्यों मानते हैं ?

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गुरु को भगवान इसलिए मानते हैं क्योंकि सभी शास्त्रों में वेद, पुराण, गीता जी में प्रमाण है कि गुरु के बिना परमात्मा की प्राप्ति नहीं हो सकती गुरु परमात्मा की प्राप्ति का मार्गदर्शन करता है परमात्मा से मेल करवाता है इसलिए गुरु को परमात्मा अर्थात भगवान मानते हैं । परमात्मा का विधान है जो सूक्ष्मवेद में कहा है :- कबीर, गुरू बिन माला फेरते, गुरू बिन देते दान। गुरू बिन दोंनो निष्फल है, पूछो वेद पुराण।।  कबीर, राम कृष्ण से कौन बड़ा, उन्हों भी गुरू कीन्ह। तीन लोक के वे धनी, गुरू आगे आधीन।। कबीर, राम कृष्ण बड़े तिन्हूं पुर राजा।  तिन गुरू बन्द कीन्ह निज काजा।। भावार्थ :- गुरू धारण किए बिना यदि नाम जाप की माला फिराते हैं और दान देते हैं, वे दोनों व्यर्थ हैं। यदि आप जी को संदेह हो तो अपने वेदों तथा पुराणों में प्रमाण देखें। श्रीमद् भगवत गीता चारों वेदों का सारांश है। गीता अध्याय 2 श्लोक 7 में अर्जुन ने कहा कि हे श्री कृष्ण! मैं आपका शिष्य हूँ, आपकी शरण में हूँ। गीता अध्याय 4 श्लोक 3 में श्री कृष्ण जी में प्रवेश करके काल ब्रह्म ने अर्जुन से कहा कि तू मेरा भक्त है। पुराणों में प्रमाण है

#International yoga day in hindi

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International Yoga Day Hindi: अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून, 2020 पर करें परिवार के साथ घर पर योग. भारत में निरंतर फैल रहे कोरोनावायरस के कारण लोगों के जनसमूहों के इकठ्ठा होने पर बंदिशें लगी हुई हैं। अब अत्यधिक प्रमुख दिवस सोशल डिस्टेंसिंग को बढ़ावा देने के लिए सोशल मीडिया पर मनाए जा रहे हैं। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस अनुक्रम कब से शुरू हुआ था योग दिवस मनाना भारत में पहला अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस कब मनाया गया? अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2020 का विषय / थीम क्या है? International Yoga Day Hindi-पुरातन भारत में कैसा था योग का प्रारूप ? योग से अधिक सतभक्ति करना ज़रूरी है मनुष्य शरीर मिलने का परम उद्देश्य परमात्मा प्राप्ति है गीता अनुसार मनमानी योग साधना करना व्यर्थ बताया है कहीं योग करना, हठयोग करने जैसा तो नहीं है? International Yoga Day 2020 Hindi Quotes International Yoga Day 2020-गीता में तत्वदर्शी संत की पहचान कब है अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (International Yoga Day 2020)? हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून को मनाया जाएगा लेकिन इस बार जन-समूहों को एकत्रित ना करके सोशल

international Yoga Day in Hindi

International Yoga Day [Hindi]: घर पर रहें और परिवार के साथ करें भक्ति योग International Yoga Day Hindi: अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून, 2020 पर करें परिवार के साथ घर पर योग. भारत में निरंतर फैल रहे कोरोनावायरस के कारण लोगों के जनसमूहों के इकठ्ठा होने पर बंदिशें लगी हुई हैं। International Yoga Day Hindi poster, images, bhakti yoga quotes International Yoga Day Hindi: अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 21 जून, 2020 पर करें परिवार के साथ घर पर योग. भारत में निरंतर फैल रहे कोरोनावायरस के कारण लोगों के जनसमूहों के इकठ्ठा होने पर बंदिशें लगी हुई हैं। अब अत्यधिक प्रमुख दिवस सोशल डिस्टेंसिंग को बढ़ावा देने के लिए सोशल मीडिया पर मनाए जा रहे हैं। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस अनुक्रम कब से शुरू हुआ था योग दिवस मनाना भारत में पहला अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस कब मनाया गया? अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2020 का विषय / थीम क्या है? International Yoga Day Hindi-पुरातन भारत में कैसा था योग का प्रारूप ? योग से अधिक सतभक्ति करना ज़रूरी है मनुष्य शरीर मिलने का परम उद्देश्य परमात्मा प्राप्ति है गीता अनुसार मनमानी योग साधना करना व्

कृष्ण जन्माष्टमी

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कौन है पूर्ण परमात्मा ❓ परमेश्वर कबीर साहिब जी अपने सतलोक से स:शरीर आए और लाखों लोगों की उपस्थिति में स:शरीर चले गई ! जबकि श्री कृष्ण जी मां की कोख से पैदा हुए और शिकारी के तीर से मृत्यु को प्राप्त हुए !  वेदों में लिखा है कि भगवान कभी मां के गर्भ से जन्म नहीं लेता है । अधिक जानकारी के लिए पढ़े पुस्तक ''जीने की राह'' यह पुस्तक निशुल्क मंगवाने के लिए अपना नाम, पूरा पता और मोबाइल नंबर लिखकर इन नंबरों पर व्हाट्सएप करें 7496801823 श्रीमद भगवत गीता अध्याय 18 श्लोक 62 में गीता ज्ञान दाता ने अर्जुन को बताया कि सर्वश्रेष्ठ शक्तिशाली भगवान तो कोई और है । उनकी शरण ग्रहण करो । वह सर्वश्रेष्ठ परमात्मा कौन है ❓         जरूर देखें साधना टीवी चैनल शाम 7:30 बजे से

ईसाई धर्म प्रवर्तक

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पवित्र बाइबल यूहन्न ग्रंथ 16:4.15 ब्रह्म यही चाहता है पुण्यात्माओं को अपना अवतार बना कर भेजता है फिर चमत्कारों द्वारा उसको भक्ति रहित करवा देता है फिर अंत में वह किसी तरह कष्ट प्राप्त करके मृत्यु को प्राप्त होता है जैसे ईसाई धर्म प्रवर्तक ईसा मसीह जी है मुस्लिम धर्म के प्रवर्तक मोहम्मद जी वगैराह हजरत ईसा जी की भक्ति विधि सही नहीं थी, क्योंकि उनका अंत इतना कष्टदायक हुआ । सत्य भक्ति करने वाले की प्रभु रक्षा करते हैं ऐसे मृत्यु कभी नहीं होती है ।

ॐ नाम काल का

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गीताजी के अध्याय 10 श्लोक 2 में कहा है कि मेरी उत्पत्ति को कोई नहीं जानता इससे सिद्ध है कि काल भी उत्पन्न हुआ है इसलिए यह कहीं पर आकार में भी है नहीं तो कृष्ण जी तो अर्जुन के सामने ही खड़े थे वह तो कह ही नहीं सकते कि मैं अनादि अजन्मा हूं । गीता अध्याय 15 श्लोक 4 में कहा है कि तत्वदर्शी संत की प्राप्ति के बाद उस परमपद परमेश्वर की खोज करनी चाहिए जहां जाने के बाद साधक लौट कर वापस कभी नहीं आता अर्थात मोक्ष प्राप्त करता है ।

आओ जैन धर्म को जाने

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ऋषभदेव निवस्त्र रहने लगे थे क्योंकि उनको अपनी स्थिति का ज्ञान नहीं था। वे परमात्मा के वैराग्य में इतने मस्त हो चुके थे कि उनको ध्यान ही नहीं था कि वे नंगे हैं। वर्तमान के जैनी महात्माओं ने वह नकल कर ली और नंगे रहने लगे। यह मात्र परंपरा का निर्वाह है। जैन धर्म में दो प्रकार के साधु रहते हैं। एक तो वह जो बिल्कुल नंगे रहते हैं और पूर्व के महापुरूषों की नकल कर रहे हैं। जैन धर्म की स्त्री, पुरूष, युवा लड़के-लड़कियां, बच्चे-वृद्ध सब उन नग्न साधुओं की पूजा करते हैं। इनको दिगम्बर साधु कहा जाता है। इनमें स्त्रियों को साधु नहीं बनाया जाता। विचारणीय विषय यह है कि क्या स्त्रियों को मोक्ष नहीं चाहिए ? यदि आपका मार्ग सत्य है तो स्त्रियों को भी पुरुष जैन दिगम्बरों की तरह नग्न रह कर मोक्ष प्राप्ति करने दी जाए । सच्चाई को न मानकर मात्र परंपरा का निर्वाह करने से परमात्मा प्राप्ति नहीं होती। दूसरे साधु श्वेताम्बर हैं। वे सफेद वस्त्र, मुख पर कपड़े की पट्टी रखते हैं। इसमें स्त्रियां भी साधु हैं।  #Jincredibles  #shyerajain महावीर जैन का इतिहास :- स्वर्ग में देवता बनने के बाद भी भगवान महावीर जैन को

बोध्द धर्म

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महात्मा बुध द्वारा बताई गई पुजा शास्त्र विरुद्ध है !!         श्रीमद भगवत गीता अध्याय 16 श्लोक में गीता ज्ञान देने वाला भगवान कह रहा है कि यह भक्ति मार्ग ना तो ज्यादा खाने वाले, ना बहुत कम खाने वाले का है ।  लेकिन गौतम बुद्ध तो लगभग 6 साल तक बिना खाए पिए ही रहे । गीता के अनुसार तो ऐसी साधना व्यर्थ है । महात्मा बुद्ध द्वारा बताई गई साधना से कोई आध्यात्मिक लाभ नहीं मिला !!         गीता अध्याय 18 श्लोक 62 में गीता ज्ञान देने वाला अर्जुन को उस परमात्मा की शरण में जाने के लिए कह रहा है जिसकी शरण में जाने के बाद मोक्ष की प्राप्ति होगी । लेकिन गोतम बुद्ध तो परमात्मा को ही नहीं मानते तो फिर उनका मोक्ष कैसे संभव है ?

पूर्ण गुरु की खोज

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गुरु साहिबानों का जनता को संदेश है कि पूरे गुरु की खोज करो पूरा गुरु परमात्मा सम्मान ही होता है पूरा गुरु वह होगा जो श्री नानक देव जी जैसा परमेश्वर का कृपा पात्र होगा । भाई बाला वाले जन्म साखी पृष्ठ 272-273 पर प्रहलाद ने मर्दाना से कहा कि मेरे लोग में केवल दो महापुरुष आए हैं परमेश्वर कबीर जी व नानक देव जी, केवल एक और आवेगा वह पंजाब की धरती पर जाट जाति में होगा ।       अधिक जानकारी के लिए पढ़ने पुस्तक "ज्ञान गंगा" यह पुस्तक निशुल्क मंगवाने के लिए अपना नाम, पूरा पता और मोबाइल नंबर लिखकर इन नंबरों पर व्हाट्सएप करें 74968 01823

बाइबल में सच्चाई

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पवित्र बाइबल - उत्पति 1:29 जितने बीज वाली छोटे-छोटे पेड़ सारी पृथ्वी के ऊपर हैं और जितने वृक्षा में बीज वाले फल होते हैं वह सब मैंने तुमको दिए हैं । वह तुम्हारी भोजन के लिए हैं ।  स्पष्ट है कि परमेश्वर ने मनुष्य के खाने के लिए शाकाहारी भोजन लिया ईसाई भाई मांस खाकर प्रभु के आदेश का उल्लंघन कर रहे हैं ।  आपजी देखें साधना टीवी चैनल शाम 7:30 से काल प्रभु का श्राप काल प्रभु ने आदम और हव्वा को जीवन के वृक्ष वाला फल खाने की सजा दी और कहा कि अब तुम्हें पेट भरने के लिए कठिन परिश्रम करना पड़ेगा और औरत को श्राप दिया कि तु हमेशा आदमी के पराधीन रहेगी ।       अधिक जानकारी के लिए पढ़ने पुस्तक ज्ञान गंगा पुस्तक निशुल्क मंगवाने के लिए इन नंबरों पर व्हाट्सएप करें 74968 01823

कुरान शरीफ का महात्म

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पवित्र कुरान शरीफ सूरत फुरकान 25 आयत 52 में हजरत मोहम्मद जी को खुदा कह रहे हैं कि हे पैगंबर ! आप काफिरों का कहना मत मानना क्योंकि ये लोग कबीर को पूर्ण परमात्मा नहीं मानते हैं आप मेरे द्वारा दिए इस कुरान के ज्ञान के आधार पर अटल रहना की कबीर ही पूर्ण अल्लाह/प्रभु है तथा अल्लाह कबीर के लिए संघर्ष करना अर्थात एडिंग रहना । पवित्र कुरान शरीफ सूरत फुरकान 25 आयत 58 और 59 का सार है कि उस अल्लाह की जानकारी बाखबर से पूछो यानी मोहम्मद जी को भी अल्लाह की पूर्ण जानकारी नहीं थी जिसने 6 दिन में आकाश और धरती के बीच सब कुछ बनाया और सातवें दिन तख्त पर विराजमान हुआ ।

623वां कबीर प्रकट दिवस

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623rd_GodKabir_PrakatDiwas कबीर साहेब प्रकट दिवस कबीर साहिब जी को नवजात शिशु रूप में देखकर जुलाहा कॉलोनी के लोग कह रहे थे कि बालक की आंखें जैसे कमल का फूल हों, लंबे हाथ, गोरा वर्ण शरीर के मानव मानो नूर झलक रहा हो । पूरी काशी नगरी में एक ऐसा अद्भुत बालक था । Kabir Prakat Diwas 2020 गरीब, काशी उमटी गुल भया, मोमन का घर ढेर ।  कोई कहे ब्रह्मा विष्णु है कोई कहे इंद्र कुबेर ।। पूरी काशी परमेश्वर कबीर जी के बालक रूप को देखकर उमड़ पड़ी बच्चे को देखकर कोई कह रहा है यह तो ब्रह्मा विष्णु है कोई कहे इंद्र कुबेर है तरह-तरह के विचार कर रहे हैं । Kabir Prakat Diwas 2020

कबीर जयंती नहीं कबीर प्रकट दिवस

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कबीर साहेब जयंती बनाम कबीर प्रकट दिवस कबीर साहेब जी ने अपनी वाणी में स्पष्ट किया है कि उनका जन्म नहीं होता :- ना मेरा जन्म ना गर्भ बसेरा, बालक बंद कराया । काशीनगर जल कमल पर डेरा, जहां जुलाई ने पाया ।। मात-पिता मेरे कुछ नाही, ना मेरे घर दासी । दुल्हे का सुत आन कहाया, जगत करें मेरी हंसी ।। उन अवतारों की जयंती मनाई जाती है जो माता से जन्म लेते हैं और जो स्वयं प्रकट होते हैं, उनका प्रकट दिवस मनाया जाता है।   परमात्मा कबीर जी चारों युगों में एक शिशु के रूप में प्रकट होते हैं।  कलियुग में, वह सन् 1398 में काशी के लाहारातारा तालाब में एक बच्चे के रूप में दिखाई दिए, जिसके ऋषि अष्टानंदजी साक्षी बना।  इसलिए कबीर साहेब का प्रकट दिवस मनाया जाता है।   कबीर, ना मेरा जन्म न गर्भ बसेरा, बालक बन दखलाया।  काशी नगर जल कमल पर डेरा, तहां जुलाहे न पायि ।।

तीनों देवों की स्थिति

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सत ज्ञान कबीर परमेश्वर ने ही यथार्थ ज्ञान बताया कि ब्रह्मा विष्णु महेश की जन्म और मृत्यु होती है, ये अविनाशी नहीं है।  यही प्रमाण श्रीमद्देवी भागवत पुराण, स्कंद 3, अध्याय 5 में है। कबीर परमेश्वर ने बताया कि ब्रह्मा, विष्णु, महेश की भी जन्म तथा मृत्यु होती है। इनकी माता दुर्गा तथा पिता काल (ब्रह्म) हैं। कबीर, मां अष्टंगी पिता निरंजन, ये जम दारुण वंशन अंजन। तीन पुत्र अष्टंगी जाए, ब्रह्मा विष्णु शिव नाम धराए।। वास्तविक धर्म का ज्ञान कबीर परमेश्वर जी ने सभी धर्मों के लोगों को संदेश दिया कि सब मानव एक परमात्मा की संतान हैं। अज्ञानता वश हम अलग-अलग जाति धर्मों में बंट गये।  जीव हमारी जाति है,मानव धर्म हमारा। हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई, धर्म नहीं कोई न्यारा।। हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई, आपस में सब भाई-भाई। आर्य जैनी और विश्‍नोई, एक प्रभु के बच्चे सोई।।

623वां कबीर प्रकट दिवस

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कबीर साहेब द्वारा सर्वानंद को शरण में लेना पंडित सर्वानंद ने अपनी माँ से कहा कि मैंने सभी ऋषियों को शास्त्रार्थ में हरा दिया है तो मेरा नाम सर्वाजीत रख दो लेकिन उनकी माँ ने सर्वानंद से कहा कि पहले आप कबीर साहेब को शास्त्रार्थ में हरा दो तब आपका नाम सर्वाजीत रख दिया जाएगा। जब सर्वानंद कबीर साहेब के पास शास्त्रार्थ करने पहुँचे तो कबीर साहेब ने कहा कि आप तो वेद-शास्त्रों के ज्ञाता हैं मैं आपसे शास्त्रार्थ नहीं कर सकता। तब सर्वानंद ने एक पत्र लिखा कि शास्त्रार्थ में सर्वानंद जीते और कबीर जी हार गए। उस पर कबीर साहेब जी से अंगूठा लगवा लिया। लेकिन जैसे ही सर्वानंद अपनी माँ के पास जाते तो अक्षर बदल कर कबीर जी जीते और पंडित सर्वानंद हार गए ये हो जाते। ये देखकर सर्वानंद आश्चर्य चकित हो गए और आखिर में हार मानकर सर्वानंद ने कबीर साहेब की शरण ग्रहण की। सम्मन को पार करना सम्मन बहुत गरीब था। जब कबीर परमात्मा का भक्त बना। तब परमात्मा के आशीर्वाद से दिल्ली का महान धनी व्यक्ति हो गया, परंतु मोक्ष की इच्छा नहीं बनी। सम्मान ने अपने परमेश्वर रूप सतगुरु के लिए अपने बेटे की कुर्बानी की थी। जिस का